SHEKHAWATI TRAVELL - YATRA KHATU SHYAM JI - 1
१३ मार्च, 2023
अबके बार हमारी धार्मिक यात्रा खाटू श्याम जी, जीन माता, सालासर बालाजी, और रानी सती झुंझनु के लिए आरम्भ होने वाली थी. यात्रा तीन रात और दो दिन की थी. ये मेरी शेखावाटी क्षेत्र की पहली यात्रा थी. मेरे मित्र महेश गर्ग का परिवार एक तीस सीटर आयशर AC. टू वाई टू की बस लेकर जा रहा था. मेरा भी जाने का कार्य क्रम बन गया. खाटू श्याम जी में हमारा समाना सदन, थाणे के पास रुकने का कार्यक्रम था. पास में ही दो तारीख वालो की धर्मशाला भी बहुत लक्ज़री है. वंहा पर एक कैंटीन रसोई चलती हैं, उसमे खाना और नाश्ता बहुत अच्छा मिलता हैं, तो खाने और नाश्ते का कार्यक्रम वंहा पर था. मुज़फ्फरनगर से हमारी बस रात ११ बजे चल पड़ी. दिन था सोमवार, होली के बाद १३ मार्च २०२३. अब कुछ शेखावाटी के बारे में..
शेखावाटी
शेखावाटी मारवाड़ी बनियों का, सेठो का क्षेत्र, उत्तर-पूर्वी राजस्थान का एक अर्ध-शुष्क ऐतिहासिक क्षेत्र है। राजस्थान के वर्तमान सीकर और झुंझुनू जिले शेखावाटी के नाम से जाने जाते हैं इस क्षेत्र पर आजादी से पहले शेखावत क्षत्रियों का शासन होने के कारण इस क्षेत्र का नाम शेखावाटी प्रचलन में आया। देशी राज्यों के भारतीय संघ में विलय से पूर्व मनोहरपुर-शाहपुरा, गोङियावास खंडेला, सीकर, खेतडी, बिसाऊ लामिया, सूरजगढ़, नवलगढ, मंडावा, बलोदा(पिलानी), मुकन्दगढ़, दांता, खुड, * कंकङेऊ कलां,खाचरियाबास, अलसीसर,यासर,मलसीसर लक्ष्मणगढ,बीदसर आदि बड़े-बड़े प्रभावशाली संस्थान शेखा जी के वंशधरों के अधिकार में थे। वर्तमान शेखावाटी क्षेत्र पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व मानचित्र में तेजी से उभर रहा है। यहाँ पिलानी और लक्ष्मणगढ के भारत प्रसिद्ध शिक्षा केंद्र है। वही नवलगढ़, फतेहपुर, गंगियासर, अलसीसर, मलसीसर लक्ष्मणगढ, बलोदा, मंडावा आदि जगहों पर मारवाड़ी बनियों की बनायी हुई प्राचीन बड़ी-बड़ी हवेलियाँ अपनी विशालता और भित्ति चित्रकारी के लिए विश्व प्रसिद्ध है, जिन्हें देखने देशी-विदेशी पर्यटकों का ताँता लगा रहता है। पहाडों में सुरम्य जगहों पर बने जीण माता मंदिर, शाकम्बरी देवी का मन्दिर, लोहार्ल्गल के अलावा खाटू में बाबा खाटूश्यामजी का (बर्बरीक का मन्दिर), सालासर में हनुमान जी का मन्दिर, कंकङेऊ कलां में बाबा माननाथ की मेङी आदि स्थान धार्मिक आस्था के ऐसे केंद्र है जहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं। इस शेखावाटी प्रदेश ने जहाँ देश के लिए अपने प्राणों को बलिदान करने वाले देशप्रेमी दिए वहीँ उद्योगों व व्यापार को बढ़ाने वाले सैकडो उद्योगपति व व्यापारी दिए जिन्होंने अपने उद्योगों से लाखों लोगों को रोजगार देकर देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दिया। भारतीय सेना को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाला झुंझुनू जिला शेखावाटी का ही भाग है।
मुज़फ्फरनगर से चलकर रात को हम लोग चाय के लिए जैन ढाबा जो की सोनीपत जिले में पड़ता हैं उस पर रुके. यंहा पर चाय की चुस्की लेने के बाद आगे अपने रास्ते पर बढ़ चले.
सुबह हो चुकी थी. हर कोई आलस में था. इसलिए चाय व् नाश्ते के लिए हम लोग शाहपुरा से आगे एक नौलखा भोजनालय पर चाय व् नाश्ते के लिए रुके. यह क्षेत्र राजस्थान में पड़ता हैं और जयपुर भी पास में ही हैं. सुक्खा इलाका हैं. हरियाली कम ही दिखाई देती हैं.
होटल नौलखा व रेस्टोरेंट
तोरण द्वार खाटू श्याम जी
खाटू श्याम जी की यात्रा में सबसे पहले रींगस कस्बा पड़ता हैं. रींगस से खाटू श्याम जी की दुरी १८ किलोमीटर है. खाटूश्याम जी में सबसे पहले तोरण द्वार पड़ता हैं. इस द्वार को कोई भी यात्री गाड़ी में बैठ कर पार नहीं करता हैं. गाडी से नीचे उतर जाते हैं और द्वार पर पहुंचकर खाटूश्याम जी को दंडवत प्रणाम करते हैं. गाडी थोड़ा घूमकर आगे चली जाती हैं वंहा पहुंचकर गाडी में बठकर अपने होटल की और जाते हैं.
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रींगस को जाने वाली सड़क |
तोरण द्वार
तोरण द्वार
सामाना सेवा सदन
सामाना सेवा सदन पर हम लोग पहुँच जाते हैं. यह एक लक्ज़री गेस्ट हाउस हैं जो की सामाना मंडी पंजाब के लाला सेठ लोगो ने बनवाया हुआ हैं. इसका पता व फोन नंबर नीचे दे रहा हूँ. इसमें डबल बेड AC रूम ८०० रूपये में मिल जाता हैं. कमरे साफ़ सुथरे व अच्छे हैं. बाथरूम साफ़ सुथरे है व गर्म पानी के लिए गीजर लगे हुए हैं.
SAMANA SEWA SADAN
NEAR POLICE THANA, Khatoo, Rajasthan 332602
Phone: 085039 67186
SAMANA SEWA SADAN
सामाना सेवा सदन में ही हमारा रुकने का प्रबंध था. हर जोड़े को एक कमरा दिया गया था.
सामाना सेवा सदन में हमारा कमरा
दो तारीख वालो की धर्मशाला
2 TARIKH WALO KI DHARMSHALA
सामाना सेवा सदन के बराबर में ही दो तारीख वालो की धर्मशाला हैं, धर्मशाला क्या लक्ज़री होटल हैं. इस धर्मशाला को दिल्ली के सेठो ने बनवाया हुआ हैं. उनका कोई बड़ा काम २ तारीख को बाबा की किरपा से हल हुआ था. इस की याद में उन्होंने ये धर्मशाला बनवाई. इसमें रहने व खाने पीने की बहुत अच्छी सुविधा हैं. बिलकुल घर जैसा नाश्ता व खाना मिलता हैं. १२०/- रूपये में खाने की थाली, चाहे कितना ही खाओ, खाने में एक दाल, एक सब्जी, रायता, चावल, देशी घी की रोटी, अचार, सलाद व ६०/- रूपये में नाश्ता मिलता हैं, जिसमे आलू का परांठा व दही मिलती हैं. चाहे कितना ही नाश्ता करो.
हम लोग अपने कमरों में पहुँचने के बाद नहा धोकर खाना खाने के लिए दो तारीख वालो की धर्मशाला में आ गए.
दो तारीख वाली धर्मशाला का खाने का हॉल
लाला महेश कुमार भोजन करते हुए
हमारा कमरा
हमें जो कमरा मिला था उसमे तीन लोग ठहर सकते थे. थोड़ी देर आराम करने के बाद हम लोग बाबा के दर्शन के लिए रिक्शा में बैठकर तोरणद्वार पहुँच गए.
इससे आगे का यात्रा वृत्तान्त पढने के लिए क्लिक करे...(SHEKHAWATI TRAVELL - KHATUSHYAM JI KI YATRA - 2)