Tuesday, May 4, 2021

A HOLY TRAVELL TO KANGDA VALLEY HIMACHAL - KANGDA FORTE - 7

A HOLY TRAVELL TO KANGDA VALLEY HIMACHAL - KANGDA FORTE  - 7 

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मैक्लोडगंज से हम लोग दोपहर में आ गए थे. कुछ देर सूद भवन के अपने कमरे में आराम किया और फिर घुमने निकल पड़े. अब हमारा लक्ष्य था कांगड़ा किला, संग्रहालय, जैन मंदिर. कांगड़ा किला जाने के लिए बस अड्डे से एक ऑटो किया. १०० रूपये में उसने किले के बाहर छोड़ दिया. करीब तीन चार किलोमीटर होगा. किले के बाहर ही संग्राहलय हैं. पर पहले किले को देखने का निश्चय किया. और किले का टिकट  लेकर हम लोग किले की और चल पड़े. अब कुछ किले के बारे में.

कांगड़ा जिले के कांगड़ा नगर में भारत के सबसे पुराने किलों में से एक कांगड़ा फोर्ट स्थित है। यह भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है और यह शिवालिक हिलसाइड के पास 463 एकड़ में फैला हुआ है।

यह किला ऊंची-ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है। इस किले के पास मांझी और बाणगंगा जैसी नदियों का संगम होता है। इसके अलावा अगर आप खुशकिस्मत हैं तो आपको धौलाधार का खूबसूरत नजारा भी देखने को मिल सकता है।

कांगड़ा किले का निर्माण कांगड़ा राज्य (कटोच वंश) के राजपूत परिवार ने करवाया था, जिन्होंने खुद को प्राचीन त्रिगत साम्राज्य, जिसका उल्लेख महाभारत, पुराण में किया गया है के वंशज होने का प्रमाण दिया था। ये हिमाचल में मौजूद किलो में सबसे विशाल और भारत में पाये जाने किलो में सबसे पुराना किला है। सं 1615 में, मुग़ल सम्राट अकबर ने इस किले पर घेराबंदी की थी परन्तु वो इसमें असफल रहा। इसके पश्चात सं 1620 में, अकबर के पुत्र जहांगीर ने चंबा के राजा (जो इस क्षेत्र के सभी राजाओ में सबसे बड़े थे) को मजबूर करके इस किले पर कब्ज़ा कर लिया। मुग़ल सम्राट जहांगीर ने सूरज मल की सहायता से अपने सैनिकों को इस किले प्रवेश करवाया था।

कटोच के राजाओ ने मुग़ल शासन के कमजोर नियंत्रण और मुग़ल शक्ति की गिरावट के कारण लगातार मुग़ल नियंत्रित क्षेत्रों को लुटा। सं 1789 में राजा संसार चंद II ने अपने पूर्वाजो के प्राचीन किले को बचा लिया। महाराजा संसार चंद ने गोरखाओं के साथ कई युद्ध किये थे जिनमे एक ओर गोरखा और दूसरी ओर सिख राजा महाराजा रंजीत सिंह होते थे। संसार चंद इस किले का प्रयोग अपने पडोसी राज्य के राजाओ को कैद करने के लिए किया था जो उनके खिलाफ हुए षड्यंत्र का कारण बन गया। सिखों और कटोचो के बीच हुए एक युद्ध के दौरान, किले के द्वार को आपूर्ति के लिए खुल रखा गया था। सं 1806 में गोरखा सेना ने इस खुले द्वार से किले में प्रवेश कर लिया। ये सेना महाराजा संसार चंद और महाराजा रंजीत सिंह के बीच एक गठबंधन का कारण बनी। इसके बाद सं 1809 में गोरखा सेना पराजित हो गयी और अपनी रक्षा करने के लिए युद्ध से पीछे हट गयी और सतलुज नदी के पार चली गयी। इसके पश्चात सं 1828 तक ये किला कटोचो के अधीन ही रहा क्योकि संसार चंद की मृत्यु के पश्चात रंजीत सिंह ने इस किले पर कब्ज़ा कर लिया था। अंत में सं 1846 में सिखों के साथ हुए युद्ध में इस किले पर ब्रिटिशो ने अपना शासन जमा लिया। परन्तु 4 अप्रैल 1905 में आये एक भीषण भूकम्प आया जिसमे उन्होंने इस किले को छोड़ दिया।(साभार: विकिपीडिया)

सूद भवन 

सूद भवन 

सुशील जी किले की और जाते हुए 

बरसात का मौसम हैं. किले  के चारो और पहाडियों पर हरियाली फैली हुई थी. जो कि मन को सकून दे रही थी. चारो और खुबसूरत घाटिया, गाँव, पहाडिया फैली हुई हैं. बहुत ही सुन्दर दृश्य हैं.

किले के बारे में जानकारी देता पट 

किले का सिंह द्वार 

किले से ऊपर पहाड़ी पर दिखता एक मंदिर 

किले का मुख्य द्वार 

एक और द्वार 

किले के अन्दर चोर रास्ते 

एक और द्वार 

द्वार ही द्वार रास्ते ही रास्ते 





किले से दिखता जैन मंदिर 

सुन्दर नदी व घाटी 

आ जाओ भाई आ जाओ तुम्हारी ही प्रतीक्षा है...

किले से दिखता दृश्य 

दूर एक गाँव में एक घर 

नीचे दूर ज्वालाजी मार्ग पर एक बस 

थक गये 

जैन मंदिर का दूर से ज़ूम करके फोटो 

दूर से दिखते  सुन्दर घर 



किले का मुख्य प्रांगण 

झरोंखे से दिखती घाटिया 

किले का प्रांगण 

किले का प्रांगन बहुत बड़ा हैं. इसमें रात के समय लाइट और साउंड का शो होता हैं.





किले के अन्दर हज़ारो साल पुराने मंदिर 

किले के अन्दर हजारो साल पुराने मंदिर हैं. जिन्हें नुक्सान पहुंचाने की विदेशी  मुस्लिम   आक्रमणकारियों  ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी. और हम   लोग इन सभी घटनाओं को भूल चुके हैं.

किले के पीछे पहाडिया और उन पर बने मार्ग 

किले के अन्दर हरियाली भी है. 


लाइट और साउंड शो का स्थान 


सेल्फी ले रा क्या भाई 

दूर दीखते गाँव 

बाण गंगा 

हरियाली ही हरियाली 

बाण गंगा व मांझी नदी  



मै  भी खिंचवालू 

किले की उंचाई पर पहुँच कर चारो और का सुन्दर दृश्य दिख रहा था. धुप अच्छी निकली हुई थी. पर हवा भी तेज थी मौसम में मज़ा आ रहा था. दनादन फोटो लिए जा रहा था. 

क्या देख रा भाई 

किले से दिखता  वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 

नदी पर बना हुआ पुल 

खुबसूरत हरियाली व जैन मंदिर 

किले में सूखा पेड़ - ये बेचारा सूखा हुआ उदास खड़ा हैं 

मोगा पंजाब से आये हुए छड़े 

ये लड़के मोगा से मोटर साइकिल पर हिमाचल घुमने के लिए आये थे. इनसे बहुत देर तक बात हुई. एक दुसरे का परिचय भी लिया. ये लोग आज भी सोशल मीडिया के द्वारा मुझसे जुड़े हुए हैं.

हम और तुम 

खुबसूरत वादिया 

खुबसूरत वादिया 



दुर्ग के अन्दर माता का मंदिर 

दुर्ग के अन्दर माता का अति प्राचीन मंदिर हैं. जिसके दर्शन के लिए आस पास के लोग आते हैं.


विस्तृत आँगन 


अबे मार कर भाग रा के 

एक और पुरातन द्वार 

किले में हम लोगो करीब २ घंटे लग गए थे. घुमने के बाद बाहर संग्रहालय में आ गए..
इससे आगे का यात्रा वृत्तान्त पढने के लिए क्लिक करे..(A HOLY TRAVELL TO KANGDA VALLEY HIMACHAL - KANGDA MUSEUME & JAIN TEMPLE - 8)