Monday, April 15, 2013

माता वैष्णोदेवी यात्रा भाग - ७ ( जम्मू - JAMMU - २)

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  1. माता वैष्णोदेवी यात्रा भाग -१ ( मुज़फ्फरनगर से कटरा )
  2. माता वैष्णोदेवी की यात्रा भाग -२ (बान गंगा से चरण पादुका)
  3. माता वैष्णोदेवी की यात्रा भाग -३ (चरण पादुका से माता का भवन)
  4. माता वैष्णोदेवी यात्रा भाग - ४ (माता का भवन और भैरो घाटी)
  5. माता वैष्णोदेवी यात्रा भाग -५ (धनसर बाबा, झज्जर कोटली, कौल कंडोली)
  6. माता वैष्णोदेवी यात्रा भाग ६ (जम्मू - JAMMU -1)

सुबह ही सुबह उठकर मैं घूमने के लिए चला गया, जो की एक आदत हैं. एक आदत और हैं, जहां भी जाता हूँ वंहा के समाचार पत्र नित्य खरीदता हूँ. और वंहा के बारे में बड़े चाव से पढता हूँ. बाहर जाकर वंहा की संस्कृति और वंहा के बारे में जानने की उत्कंठा रहती हैं. और लोकल के समाचार पत्र इस बारे एक अच्छा माध्यम होते हैं. मैं वह समाचार पत्र फेंकता नहीं हूँ. उन्हें अपने साथ एकत्रित करके लाता हूँ. और उनका संग्रह करता हूँ.

नहा धोकर, पहले रघुनाथ मंदिर के सामने होटल में नाश्ता करते हैं. फिर बाकी बची हुई जगह घूमने के लिए निकल पड़ते हैं. आज का हमारा कार्यक्रम रघुनाथ मंदिर के आसपास ही घूमने का तथा प्रसाद आदि की खरीदारी का था. सबसे पहले हम लोग रघुनाथ मंदिर में प्रवेश  कर जाते हैं. रघुनाथ मंदिर में प्रवेश करने से पहले ये ध्यान रखना चाहिए कि हमारे पास कोई कैमरा, मोबाइल, हैंड बैग आदि नहीं होना चाहिए. द्वार पर तलाशी के दौरान ये सभी सामान बाहर छोडना पड़ता हैं.

रघुनाथ मंदिर 

रघुनाथ मंदिर जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू शहर के मध्य में स्थित है। यह मंदिर जम्मू कि पहचान हैं. यह मन्दिर आकर्षक कलात्मकता का विशिष्ट उदाहरण है। रघुनाथ मंदिर भगवान राम को समर्पित है। यह मंदिर उत्तर भारत के सबसे प्रमुख एवं अनोखे मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को सन् 1835 में इसे महाराज गुलाब सिंह ने बनवाना शुरू किया पर निर्माण की समाप्ति राजा रणजीत सिंह के काल में हुई। मंदिर के भीतर की दीवारों पर तीन तरफ से सोने की परत चढ़ी हुई है।

इसके अलावा मंदिर के चारों ओर कई मंदिर स्थित है जिनका सम्बन्ध रामायण काल के देवी-देवताओं से हैं। रघुनाथ मन्दिर में की गई नक़्क़ाशी को देख कर पर्यटक एक अद्भुत सम्मोहन में बंध कर मन्त्र-मुग्ध से हो जाते हैं।यह कहा जाता हैं कि मंदिर में तैंतीस करोड देवी देवताओं कि स्थापना हैं.  मंदिर का मैं केवल बाहर से ही चित्र दे पा रहा हूँ. अंदर के फोटो लेना वर्जित हैं.(साभार : भारत डिस्कवरी)


जम्मू की शान रघुनाथ मंदिर


सोने से मढ़ा हुआ मंदिर

इस मंदिर के शिखर, और दीवारे सोने से मढ़ी हुई हैं. कई क्विंटल सोना इसमें लगा हुआ हैं.

मंदिर का एक और दृश्य
रघुनाथ बाज़ार 

रघुनाथ मंदिर से लगा हुआ रघुनाथ बाज़ार हैं. इसमें खाने पीने कि दुकाने, प्रसाद की दुकाने, गर्म कपड़ो की दुकाने आदि स्थित हैं वैसे तो कई दुकाने मशहूर हैं पर मैं नीचे कुछ दुकानों के नाम दे रहा हूँ. जिसमे हमारा अनुभव हैं की आपको वाजिब रेट पर  सामान मिल सकता हैं.

१. बनिया सुपर मार्केट

यह शो रूम जम्मू के सबसे बड़े शो रूम में एक हैं. यंहा पर आप एक छत के नीचे प्रसाद, गर्म कपडे, आम पापड आदि खरीद सकते हैं. इसके अलावा इसके मालिक लाला मदन लाल अगरवाल, विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए आयुर्वेद दवाए भी बिलकुल मुफ्त उपलब्ध कराते हैं.

२. मुग़ल कश्मीर एम्पोरियम

यंहा पर सभी प्रकार के गर्म कपडे, बर्फानी, शाल आदि खरीद सकते है. इसके मालिक अनिल गुप्ता जी बड़े ही मिलनसार व नेकदिल इंसान हैं.

३. पंडित चुन्नी लाल अमरनाथ.

इनके यंहा से बादाम, अखरोट, सूखे मेवे, आम पापड़ आदि प्रसाद का सामान ले सकते हैं. इनके यंहा का अखरोट और बादाम मशहूर हैं.


रघुनाथ बाज़ार

पैसो वाला मंदिर 

रघुनाथ मंदिर से थोड़ी दूर पर एक मंदिर पड़ता हैं जो की पैसो वाला मंदिर के नाम से मशहूर हैं.  ये कहा जाता हैं की अंग्रेजो के समय में इस मंदिर का निर्माण हुआ था. जो सेठ इस मंदिर का निर्माण करा रहे थे वे परम देश भक्त थे. उस समय के चांदी के सिक्को पर इंग्लैंड के राजाओं और महारानियो के चित्र होते थे. उन्हें अपमानित करने के उद्देश्य से उस सेठ ने मंदिर के फर्श में उन चांदी के सिक्को को जड़वाया था. 

पैसे वाला मंदिर


सैकड़ों साल पुराना पेड़


चांदी का शिव लिंगम और फर्श में जड़े हुए चांदी के सिक्के


जय माता की

जय माँ काली

गणपति बाप्पा मोरया



 रणवीरेश्वर मंदिर 

रणबीरश्‍वर मंदिर जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू शहर में शालीमार मार्ग पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1883 ई. में महाराजा रणबीर सिंह ने करवाया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर के मध्य में स्थित शिवलिंग साढ़े सात फीट ऊंची है। अन्य बारह पारदर्शी शिवलिंग 15 से 38 सेमी ऊंचाई का है। इसके अलावा मंदिर के दीर्घा में एक हज़ार शिवलिंग स्‍थापित है जो पत्थर से बने हुए है। इस मंदिर के अंदर भी फोटो खिचने की अनुमति नहीं हैं. ये  कुछ फोटो भी बाहर से लिए थे. (साभार : भारत डिस्कवरी)


रन वीरेश्वर मंदिर

रण वीरेश्वर मंदिर का मुख्य द्वार साइड से 



मंदिर का मुख्य द्वार

राजा रणवीर सिंह की मूर्ती मंदिर के बिलकुल सामने 

हर की पौड़ी 

रण वीरेश्वर मंदिर के बाद हम लोग हर की पौड़ी, जी हाँ, हर की पौड़ी. जम्मू में भी हर की पौड़ी हैं. दरअसल तवी नदी के किनारे यह एक मंदिरों का समूह, और घाट हैं. यंहा पर नदी के किनारे स्नान आदि की सुविधा हैं. और नहा-धोकर पवित्र मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं. यंहा पर भी फोटो खींचने की मनाही हैं. कुछ फोटो मैंने बाहर से लिए थे. यह मंदिर समूह एक पहाड़ी की तलहटी में स्थित हैं. यंहा से बाहू का किला भी दिखाई देता हैं. 


मंदिरों का विशाल समूह 

पीछे तवी नदी और बराबर में मंदिर 

सुन्दर विशालकाय मुर्तिया 
दिन भर में जम्मू भ्रमण करने के बाद, अपना सामान पैक करके हम लोग रेलवे स्टेशन की और निकल पड़ते हैं. रात नो बजे हमारी ट्रेन शालीमार एक्सप्रेस मुज़फ्फरनगर के लिए थी. हम लोग ठीक आठ बजे स्टेशन पर आ जाते हैं. और देवी मैय्या से फिर आने का वादा करके ट्रेन में सवार हो जाते हैं. जय माता की...

जम्मू लोह्पथ स्थानक

मित्रों अगली कड़ी में मैंने अपनी शिवखोड़ी की यात्रा के बारे में वर्णन किया हैं.  जहा पर मैं पहले कई बार गया हूँ. उस यात्रा को भी मैंने इसी श्रंखला से जोड़ दिया हैं, जिससे एक पूर्णता का अहसास हो. जिसके बारे में आप   माता वैष्णोदेवी यात्रा भाग - ८ (शिवखोड़ी - SHIV KHODI)  पढ़ सकते हो. 

2 comments:

  1. प्रवीण जी.....
    जय माता दी.....
    खूबसूरत यात्रा....
    धन्यवाद.

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    1. रितेश जी जय माता की, वन्देमातरम...

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