A TRAVELL TO KHAJURAHO - खजुराहो की यात्रा - 9
दोपहर के बाद पश्चिमी मंदिर समूह के अन्दर फिर से आगया. पता नहीं क्या आकर्षण था. फोटो ही फोटो लिए. फिर थक करके पेड़ के नीचे लेट गया. हरा भरा पार्क था. फिर से वही फोटो ज्यादा लेखन कम. पहले की पोस्ट में सभी कुछ तो लिख चुका हूँ.
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मतंगेश्वर महादेव मंदिर के शिखर पर सजावट करते हुए कारीगर |
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मंदिर समूह का संकेतक |
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लक्ष्मण मंदिर शाम के समय |
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मैथुनी अवस्था में मुर्तिया |
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मंदिर समूह में सुन्दर प्यारे बच्चे |
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मंदिर में सुख व शांति की तलाश में |
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कंदरिया महादेव व सुन्दर फुलवारी वृक्ष |
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मंदिर के शिखर पर टुटा हुआ पत्थर |
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VOV WHAT A SCENE |
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BEAUTIFUL |
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KANDARIA MAHADEV VA JAGDAMBI MANDIR |
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कंदरिया महादेव मंदिर - KANDARIA MAHADEV MANDIR KHAJURAHO |
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नीदरलैंड से आये हुए पर्यटक |
योगी लोज में बहुत से विदेशी पर्यटक ठहरे हुए थे. बहुत से होली भी खेले थे. यह सुन्दर पर्यटक जोड़ा नीदरलैंड से आया हुआ था. और १५ दिन से खजुराहो में था.
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विदेशी पर्यटकों के साथ मै |
मंदिरों के दर्शन के बाद मेरी खजुराहो की यात्रा पूरी हो चुकी थी खजुराहो में वापस लौटने के बाद थोड़ी देर खजुराहो की होली का आनंद लिया. वंहा के गाइड लोगो से मिला. वे लोग आपस में होली खेल रहे थे. बहुत अच्छा लगा. खाना खाने के बाद योगी लोज में जाकर सो गया. शाम ६ बजे मेरी ट्रेन थी. तो अभी कुछ समय बचा हुआ था. योगी लोज वालो का व्यवहार बहुत अच्छा था. इस तरह से मेरी खजुराहो की यात्रा समाप्त हुई. बहुत ही अच्छी यात्रा व यादगार यात्रा, अच्छे लोग व उनका अच्छा व्यवहार. कुछ छूटता हुआ सा लग रहा था. राकेश सोनी जी से एक बार और मुलाकात हुई. फिर उनके ऑटो में ही बैठकर स्टेशन की और चल पड़ा. उनसे गले मिलकर भीगी आँखों से प्लेटफ़ॉर्म पर आ गया. शाम के पांच बजे थे. अभी ट्रेन में समय था. इतने इधर उधर घुमा, चाय वाय पी. साधे पांच बजे ट्रेन लग गयी थी. ठीक शाम ६ बजे ट्रेन चल पड़ी..
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