A TRAVELL TO KHAJURAHO - खजुराहो की यात्रा - २
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विक्रम लोज में पहुँच कर सबसे पहले एक कप चाय पी. फिर नहा धोकर तैयार हो गया. नाश्ता बाहर करने का निश्चय किया. बाहर आकर बराबर बाज़ार में हलवाई की दूकान पर ताज़ा ताज़ा पोहा जलेबी बन रहा था. एक प्लेट पोहा जलेबी और एक चाय पीकर तृप्ति हुई. कमरे में आकर अपना कैमरा लेकर घुमने के लिए निकल पडा. ज़ाहिर हैं सबसे पहले सामने वाले मंदिर समूह जिसे पश्चिमी मंदिर समूह कहते हैं उसके द्वार पर पहुँच गया. मात्र ३० रूपये एंट्री फीस थी. कैमरा का कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं था. मंदिर समूह के सामने मैं चमत्कृत रह गया दूर से ही मंदिरों की खूबसूरती देख कर आश्चर्यचकित रह गया.
अब कुछ विकिपीडिया से
पश्चिमी समूह
जब ब्रिटिश इंजीनियर टी एस बर्ट ने खजुराहो के मंदिरों की खोज की है तब से मंदिरों के एक विशाल समूह को 'पश्चिमी समूह' के नाम से जाना जाता है। यह खजुराहो के सबसे आकर्षक स्थानों में से एक है। इस स्थान को युनेस्को ने 1986 में विश्व विरासत की सूची में शामिल भी किया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब सारा विश्व इसकी मरम्मत और देखभाल के लिए उत्तरदायी होगा। शिवसागर के नजदीक स्थित इन पश्चिम समूह के मंदिरों के दर्शन के साथ अपनी यात्रा शुरू करनी चाहिए। एक ऑडियो हैडसेट 50 रूपये में टिकट बूथ से 500 रूपये जमा करके प्राप्त किया जा सकता है।
इसके अलावा दो सौ रूपये से तीन रूपये के बीच आधे या पूरे दिन में चार लोगों के लिए गाइड सेवाएं भी ली जा सकती हैं। खजुराहो को साइकिल के माध्यम से अच्छी तरह देखा जा सकता है। यह साइकिलें 20 रूपये प्रति घंटे की दर से पश्चिम समूह के निकट स्टैंड से प्राप्त की जा सकती है।
इस परिसर के विशाल मंदिरों की बहुत ज्यादा सजावट की गई है। यह सजावट यहां के शासकों की संपन्नता और शक्ति को प्रकट करती है। इतिहासकारों का मत है कि इनमें हिन्दू देवकुलों के प्रति भक्ति भाव दर्शाया गया है। देवकुलों के रूप में या तो शिव या विष्णु को दर्शाया गया है। इस परिसर में स्थित लक्ष्मण मंदिर उच्च कोटि का मंदिर है। इसमें भगवान विष्णु को बैकुंठम के समान बैठा हुआ दिखाया गया है। चार फुट ऊंची विष्णु की इस मूर्ति में तीन सिर हैं। ये सिर मनुष्य, सिंह और वराह के रूप में दर्शाए गए हैं। कहा जाता है कि कश्मीर के चम्बा क्षेत्र से इसे मंगवाया गया था। इसके तल के बाएं हिस्से में आमलोगों के प्रतिदिन के जीवन के क्रियाकलापों, कूच करती हुई सेना, घरेलू जीवन तथा नृतकों को दिखाया गया है।
मंदिर के प्लेटफार्म की चार सहायक वेदियां हैं। 954 ईसवीं में बने इस मंदिर का संबंध तांत्रिक संप्रदाय से है। इसका अग्रभाग दो प्रकार की मूर्तिकलाओं से सजा है जिसके मध्य खंड में मिथुन या आलिंगन करते हुए दंपत्तियों को दर्शाता है। मंदिर के सामने दो लघु वेदियां हैं। एक देवी और दूसरा वराह देव को समर्पित है। विशाल वराह की आकृति पीले पत्थर की चट्टान के एकल खंड में बनी है।(साभार: विकिपीडिया)
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मंदिर समूह में घुसते ही दृश्य - KHAJURAHO |
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मंदिर समूह में एक और नज़ारा - KHAJURAHO |
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मंदिर समूह के बारे में जानकारी |
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वर्ल्ड हेरिटेज के बारे में बताता शिलापट - KHAJURAHO |
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खुबसूरत मंदिर - KHAJURAHO |
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लक्ष्मी मंदिर दूर से |
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लक्ष्मी मंदिर का शिलापट |
सबसे शुरुआत में लक्ष्मी मंदिर आता हैं. ये मंदिर लक्ष्मण मंदिर के सामने और वराह मंदिर के बराबर में हैं. ये मंदिर माता लक्ष्मी को समर्पित हैं.
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लक्ष्मी मंदिर - खजुराहो - LAKSHMI MANDIR - KHAJURAHO |
लक्ष्मी मंदिर के बराबर में ही वराह मंदिर हैं यह मंदिर भगवान् विष्णु के वराह अवतार को समर्पित हैं.
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वराह मंदिर का शिलापट |
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वराह मंदिर के बारे में जानकारी |
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वराह मंदिर में थाईलैंड के बोद्ध संत |
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वराह मंदिर - VARAH TEMPLE KHAJURAHO |
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भगवान् वराह की मूर्ति - VARAH MURTI KHAJURAHO |
वराह भगवान् की मूर्ति एक ही पत्थर से बहुत ही सुन्दर तरीके से बनी हुई विशाल मूर्ति हैं. यंहा पर थाईलैंड से आये हुए बोद्ध संत भी थे. वो लोग मूर्ति को देखकर बहुत अभिभूत थे. और उसे नमन कर रहे थे. इस मूर्ति पर चित्रकारी गज़ब थी नमन हैं उन मूर्तिकारो को जिन्होंने इसका निर्माण किया.
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वराह भगवान् की विशाल मूर्ति - KHAJURAHO |
वराह भगवान् के दर्शन करके मैं सामने ही लक्ष्मण मंदिर की और बढ़ा. यह मंदिर भगवान् विष्णु को समर्पित हैं.
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लक्ष्मण मंदिर के बारे में जानकारी |
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लक्ष्मण मंदिर का संकेतक |
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लक्ष्मण मंदिर - LAKSHMAN MANDIR KHAJURAHO |
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लक्ष्मण मंदिर में एक छोटा मंदिर |
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एक और मंदिर |
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लक्ष्मण मंदिर में अन्दर का दृश्य |
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लक्ष्मण मंदिर में छत की नक्काशी देखिये |
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एक ही पत्थर से बना अन्दर का द्वार |
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भगवान् विष्णु का मनोहारी रूप
भगवान् विष्णु की मूर्ति विशाल और एक ही पत्थर से बनी हुई हैं. हज़ारो साल पहले की कलाकारी कमाल की हैं. आँखे फटी रह जाती हैं. |
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मंदिर की दीवारों पर कलाकारी |
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मंदिर में लगा हुआ शिलापट |
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लक्ष्मण मंदिर से सामने का दृश्य |
लक्ष्मी मंदिर लक्ष्मण मंदिर से
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लक्ष्मी और वराह मंदिर |
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मतंगेश्वर महादेव् मंदिर, लक्ष्मण मंदिर से - KHAJURAHO |
खजुराहो का सबसे बड़ा शिव मंदिर मतंगेश्वर महादेव मंदिर हैं. इसके बारे में मेरे आगे के ब्लॉग में जानकारी दी जायेगी
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लक्ष्मण मंदिर में मैथुनरत कलाकारी
खजुराहो के करीब करीब सभी मंदिरों की बाहरी दीवारों पर मैथुनरत मुर्तिया अलंकृत हैं. अश्लील होने के कारण उनके चित्र मैंने यंहा पर नहीं डाले हैं.
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मंदिर के बाहर मै |
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मंदिर के बाहरी दीवारों में मुर्तिया |
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लक्ष्मण मंदिर पीछे से |
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लक्ष्मण मंदिर साइड से |
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एक और फोटो
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