A TRAVELL TO KHAJURAHO - खजुराहो की यात्रा - ३
लक्ष्मण मंदिर में कुछ देर घुमने के बाद मैं आगे कंदरिया महादेव मंदिर की और बढ़ता हूँ. खजुराहो का ये सबसे बड़ा और शानदार मंदिर हैं ये. इसे दूर से देख कर ही सम्मोहन सा होने लगता हैं. नाम से ही जाहिर हैं की ये मंदिर भगवान् शिव का मंदिर हैं. अब कुछ लेख विकिपीडिया से
कंदरिया महादेव मंदिर
कंदरिया महादेव मंदिर पश्चिमी समूह के मंदिरों में विशालतम है। यह अपनी भव्यता और संगीतमयता के कारण प्रसिद्ध है। इस विशाल मंदिर का निर्माण महान चन्देल राजा विद्याधर ने महमूद गजनवी पर अपनी विजय के उपलक्ष्य में किया था। लगभग 1050 ईसवीं में इस मंदिर को बनवाया गया। यह एक शैव मंदिर है। तांत्रिक समुदाय को प्रसन्न करने के लिए इसका निर्माण किया गया था। कंदरिया महादेव मंदिर लगभग 107 फुट ऊंचा है। मकर तोरण इसकी मुख्य विशेषता है। मंदिर के संगमरमरी लिंगम में अत्यधिक ऊर्जावान मिथुन हैं। अलेक्जेंडर कनिंघम के अनुसार यहां सर्वाधिक मिथुनों की आकृतियां हैं। उन्होंने मंदिर के बाहर 646 आकृतियां और भीतर 246 आकृतियों की गणना की थीं।( साभार: विकिपीडिया)
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कंदरिया महादेव मंदिर - KHAJURAHO |
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कंदरिया महादेव मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर - KHAJURAHO |
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मंदिर का विहंगम दृश्य |
शानदार, अद्भुत, विचित्र, चमत्कारिक और क्या क्या कहू इस मंदिर के बारे में. देख कर ठगा सा रह गया, मन करता हैं की घंटो देखता रहूँ. मन नहीं भरता हैं. लगातार फोटो खींचता रहा, पर मन नहीं भरा. ब्लॉग में कौन सा फोटो डालू कौन सा ना डालू समझ नहीं आता. फिर भी कुछ फोटो सेलेक्ट किये.
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कन्दारिया महादेव मंदिर का शिलापट |
शिलापट में ही मंदिर का पूरा इतिहास लिख दिया हैं और क्या लिखू. निशब्द हूँ
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मंदिर का संकेतक |
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कंदरिया महादेव मंदिर से दिखता जगदम्बी मंदिर |
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कंदरिया महादेव मंदिर से सामने का दृश्य |
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मंदिर के अन्दर छत की कलाकारी |
ये कलाकारी ये नक्काशी मंडप की छत में कैसे की होगी और सब कुछ एक ही पत्थर में
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मंदिर के अन्दर का दृश्य |
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गर्भ गृह के अन्दर छत का दृश्य |
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दिव्य शिव लिंगम |
इस मंदिर में पूजा नहीं होती हैं, ये सभी मंदिर ASI के अंतर्गत हैं. पूजा केवल मतंगेश्वर महादेव मंदिर में होती है.
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मंदिर के साइड का दृश्य |
बाहर से आये विदेशी लोग इन्हें घंटो निहारते रहते है, की ये मंदिर कैसे बने होगे, स्तब्ध रह जाते हैं. भारत का ज्ञान व विज्ञान वह भी हज़ारो वर्ष पूर्व का देखकर ये लोग चकित रह जाते हैं. गाइड इन्हें इतिहास बताते रहते हैं.
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मंदिर की बाहरी दीवारों पर शानदार कलाकारी |
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दीवारों पर मैथुनरत कलाकारी |
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जगदम्बी मंदिर दूर से |
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मंदिर की बाहरी दीवारों पर का दृश्य |
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कंदरिया मंदिर और जगदम्बी मंदिर के बीच में सिंह मंदिर
कंदरिया महादेव मंदिर में समय बिताने के बाद अगले मंदिर जगदम्बी मंदिर की और आ जाते हैं. सब एक से एक बने हुए है
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जगदम्बी मंदिर का शिलापट |
यह मंदिर माता पार्वती जगदम्बा का मंदिर हैं और मूल रूप से भगवान् विष्णु को समर्पित था. गर्भ गृह का सरदल चतुर्भुजी भगवान् विष्णु की प्रतिमा से सज्जित हैं. इसका निर्माण 1000 से 1025 ईसवीं के बीच किया गया था। सैकड़ों वर्षों पश्चात यहां छतरपुर के महाराजा ने देवी पार्वती की प्रतिमा स्थापित करवाई थी इसी कारण इसे देवी जगदम्बा मंदिर कहते हैं। यहां पर उत्कीर्ण मैथुन मूर्तियों में भावों की गहरी संवेदनशीलता शिल्प की विशेषता है। यह मंदिर शार्दूलों के काल्पनिक चित्रण के लिए प्रसिद्ध है। शार्दूल वह पौराणिक पशु था जिसका शरीर शेर का और सिर तोते, हाथी या वराह का होता था।
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जगदम्बी मंदिर का संकेतक |
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जगदम्बी मंदिर के अन्दर छत की कलाकारी |
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मंदिर के अन्दर का मंडप |
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एक ही पत्त्थर से बना हुआ द्वार |
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मंदिर में माँ जगदम्बा की मूर्ति शानदार एक ही पत्थर ज़बानी हुई |
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माँ जगदम्बी की एक और तस्वीर |
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मंदिर के मुख्य द्वार पर रक्षक सिंह |
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माँ जगदम्बी मंदिर सामने से |
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कंदरिया महादेव व जगदम्बी मंदिर |
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बोद्ध संत के साथ एक चित्र |
जगदम्बी मंदिर से निकलते ही बोद्ध संतो के दर्शन हो जाते हैं. उन से बात करके मन प्रसन्न होता हैं. पास में ही स्थित चित्रगुप्त मंदिर की और चलता हूँ. यह मंदिर भगवान् सूर्य का हैं. गर्भ गृह में भगवान् सूर्य की एक ही पत्थर से निर्मित मूर्ति स्थापित हैं. खजुराहो में एकमात्र सूर्य मंदिर है जिसका नाम चित्रगुप्त है। चित्रगुप्त मंदिर एक ही चबूतरे पर स्थित चौथा मंदिर है। इसका निर्माण भी विद्याधर के काल में हुआ था। इसमें भगवान सूर्य की सात फुट ऊंची प्रतिमा कवच धारण किए हुए स्थित है। इसमें भगवान सूर्य सात घोड़ों के रथ पर सवार हैं। मंदिर की अन्य विशेषता यह है कि इसमें एक मूर्तिकार को काम करते हुए कुर्सी पर बैठा दिखाया गया है। इसके अलावा एक ग्यारह सिर वाली विष्णु की मूर्ति दक्षिण की दीवार पर स्थापित है।
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चित्रगुप्त मंदिर का शिलापट |
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मंदिर का संकेतक |
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चित्रगुप्त मंदिर |
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चित्रगुप्त मंदिर का मंडप |
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भगवान् सूर्य, चित्रगुप्त मंदिर, KHAJURAHO |
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भगवान् सूर्य |
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मंदिर के स्तंभों पर नक्काशी |
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गर्भ गृह के द्वार के ऊपर कलाकारी |
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चित्रगुप्त मंदिर |
मंदिरों के दर्शन करते करते धुप भी तेज़ हो गयी थी. मार्च के शुरुआत से ही बुंदेलखंड में गर्मी होनी शुरू हो जाती हैं. थोड़ी प्यास और भूख भी लगने लगी थी. पास में एक कैंटीन में ठंडा पानी पीया और कुछ स्नक्स लिए. थोड़ी देर विश्राम करके दुसरे मंदिरों की और निकल लिया. यंहा से आगे का वृत्तान्त पढ़िए (A TRAVELL TO KHAJURAHO - खजुराहो की यात्रा - ४ )
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