JODHPUR TRAVELL -9-KOILANA LAKE, कोइलाना झील
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आज का दिन जोधपुर में मेरा अंतिम दिन था. आज कोइलाना झील की ओर जाना था. लोकल बस पकड़ कर कोइलाना झील पहुँच गया. बहुत बड़ी और जल से भरी हुई झील हैं. इसी झील से जोधपुर नगर को जल वितरण होता हैं.
कायलाना झील राजस्थान के जोधपुर से आठ किलोमीटर पूर्व में स्थित है। यह एक निर्मित झील है जिसे प्रताप सिंह ने 1872 में बनाया। यह झील लगभग 84 कीलोमीटर2 तक फैली है। प्राचीनकाल में इस क्षेत्र में जोधपुर के दो राजाओं भीम सिंह और तखत सिंह के बाग़ और महल हुआ करते थे। यह झील बनाने के लिए उन्हें तबाह कर दिया गया था।
यह झील आग्नेय चट्टान से बनी अधर्ति पर स्थित है। इसे पानी हाथी नहर से मिलता है जो इंदिरा गाँधी नहर से जुड़ी है। यहाँ पेड़-पौधे बबूल की झाड़ियों पर आधारित हैं और शीतकाल में स्थान-परिवर्तन करने वाले पक्षी जैसे साईबीरियाई क्रेन यहाँ आते हैं। जोधपुर नगर और इसके आसपास के उपनगर और गाँव कायलाना झील से ही पीने का पानी प्राप्त करते हैं।
कोइलाना झील, प्रताप सागर नामक एक बगीचे से जुड़ी हुई है, जहां पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं। झील का मुख्य आकर्षण सूर्यास्त का अतुल्य दृश्य है। इस समय आकाश शानदार रंगों से बिखरे कैनवस की तरह दिखता है। इस झील के आसपास का क्षेत्र पहले जंगली भालुओं से भरा हुआ था, जो शाही सदस्यों के शिकार का स्थान था। लेकिन, आबादी में बढ़ने के साथ, ऐसा नहीं रहा। इस झील का एक हिस्सा तखत सागर झील के रूप में जाना जाता है जो जोधपुर शहर से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित है और जिसका नाम राजा तखत सिंह के नाम पर रखा गया है जिसने 19वीं शताब्दी में जोधपुर पर शासन किया था।
झील के पास सिंचाई विभाग, पीएचईडी का एक डाक बंगला भी है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम द्वारा पर्यटकों के लिए नौकाविहार सुविधा भी उपलब्ध है। लेकिन तैराकी यहाँ बंद है। यहाँ तक पहुंचने के लिए पर्यटक आसानी से ऑटो रिक्शा या निजी टैक्सी को किराए पर ले सकते है।
कोइलाना झील - KOILANA LAKE, JODHPUR
झील के किनारे स्थापित राडार
एक पैडल बोट के ऊपर पक्षी
झील के किनारे दूर से दिखता एक मंदिर
झील में बोटिंग
एक चित्र मेरा भी
पर्यटक नाव में बैठने की तैय्यारी में
लाइफ बेल्ट पहने पर्यटक
झील के किनारे मै
लडकिया पैडल बोट चलाती हुई
छोटे बच्चे घुड़सवारी करते हुए
मुझे पानी में घुसते हुए डर लगता हैं. एक वाटर फोबिया हैं इसलिए मैंने बोटिंग नहीं की. कुछ देर झील के किनारे बिताने के बाद मैं वापिस जोधपुर की और आ गया. आज जोधपुर के बाजारों की भी सैर करनी थी.
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आप के ब्लॉग को पढ़कर अच्छा लगा। अद्भुत काम ! यह ब्लॉग शानदार ढंग से लिखा गया है जो की सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराती है। आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
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धन्यवाद श्रीमान जी
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