Friday, May 21, 2021

MATA VAISHNODEVI & PATNITOP - 5

  MATA VAISHNODEVI & PATNITOP - 5

इस यात्रा वृत्तान्त आरम्भ से  पढने के लिए क्लिक करे....( MATA VAISHNODEVI & PATNITOP TRAVELL - 1)

इससे पहले का यात्रा वृत्तान्त पढने के लिए क्लिक करे....(MATA VAISHNODEVI & PATNITOP - 4)

पटनीटॉप में हम लोग तीसरे रिसोर्ट की और चल पड़े. ये तीन चार किलोमीटर आगे पड़ता हैं. एक सुन्दर घास का  मैदान, उतराई, चढ़ाई, एयर बलून में ऊपर से नीचे लुढ़कते हुए पर्यटक, बच्चो के लिए झूले, कृत्रिम तालाब, नाश्ते पानी की दुकाने,  स्पेशल पानी पताशे वाले. यंहा के पानी पताशे बहुत स्वादिष्ट होते हैं. खिली हुई सुन्दर धुप, खूबसूरत मौसम और मस्ती करते पर्यटक, सब कुछ है यंहा पर. यंहा पर एक डेढ़ घंटा कब गुजर जाता हैं पता नहीं चलता. यंहा से जाने का मन नहीं करता हैं. सुन्दर अति सुन्दर... लेख ज्यादा नहीं, फोटो का आनंद लीजिये..... 

एयर बलून के साथ हिमांशु 

इस एयर बलून में हमें घुसने की हिम्मत नहीं हुई. पर्यटक को इसमें अंदर घुसा कर, हेलमेट लगा कर , और बेल्ट से बाँध कर ऊपर से नीचे ढलान पर लुढ़का दिया जाता है. वैसे ये बहुत सुरक्षित हैं. पर जिसे उलटी और चक्कर आते हैं. उसे इससे बचना चाहिए.

क्या दृश्य है 
ये एक छोटा सा तालाब बनाया हुआ हैं जिसके एक किनारे पर एक संत की बहुत ही सुन्दर मूर्ति लगी हुई हैं. 

कंहा जा रहा है 













अरे इसे पीछे क्या हुआ 


पर्यटक हँसते खिलखिलाते, मौज मस्ती करते हुए 




कंही पे निगाहें कही पर निशाना 













धक्का लगा रहा हूँ पर खिसक नहीं रहा हैं 





बच्चो के लिए कृत्रिम तालाब 

पटनीटॉप में तीन चार घंटे बिताने के बाद हम लोग नत्थाटॉप की और चल पड़े. जब वंहा के लिए चले तो मौसम फिर से खराब हो चूका था. पुरे रास्ते धुंध और कोहरा छाया हुआ था.

इससे आगे का यात्रा वृत्तांत पढ़ने के लिए क्लिक करे...(MATA VAISHNODEVI & PATNITOP - 6)

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