Friday, May 14, 2021

MATA VAISHNODEVI & PATNITOP TRAVELL - 2

MATA VAISHNODEVI & PATNITOP TRAVELL - 2

इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिए क्लिक करे....(MATA VAISHNODEVI & PATNITOP TRAVELL - 1)

रोपवे से हम लोग पांच मिनट में ही भैरो बाबा मंदिर पहुँच गए. इस रोपवे का तीर्थ यात्रियों को बहुत लाभ पहुंचा हैं. पहले डेढ़ किलोमीटर की खड़ी व थका देने वाली चढ़ाई करके तीर्थयात्री मंदिर पर पहुँचते थे. अब ९९ % तीर्थयात्री रोपवे से ही भैरो बाबा मंदिर के लिए जाते हैं. एक पहाड़ी पर भैरो मंदिर स्थापित हैं. मंदिर के सामने एक चोकोर मैदान हैं जिसमे यात्री लोग विश्राम कर सकते हैं. इस मैदान से नीचे जम्मू व कटरा की घाटिया, बर्फ से ढंके पहाड़, व नीचे माता का भवन दिखाई देता हैं.

भैरोनाथ मंदिर

मान्यतानुसार जिस स्थान पर माँ वैष्णो देवी ने भैरवनाथ का वध किया, वह स्थान 'भवन' के नाम से प्रसिद्ध है। इस स्थान पर देवी काली (दाएँ), सरस्वती (बाएँ) और लक्ष्मी (मध्य), पिण्डी के रूप में गुफा में विराजित है, इन तीनों पिण्डियों के इस सम्मि‍लित रूप को वैष्णो देवी का रूप कहा जाता है।

मान्यतानुसार, भैरवनाथ का वध करने पर उसका शीश भवन से 3 किमी दूर जिस स्थान पर गिरा, आज उस स्थान को 'भैरोनाथ के मंदिर' के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि अपने वध के बाद भैरवनाथ को अपनी भूल का पश्चाताप हुआ और उसने देवी से क्षमादान की भीख माँगी। मान्यतानुसार, वैष्णो देवी ने भैरवनाथ को वरदान देते हुए कहा कि "मेरे दर्शन तब तक पूरे नहीं माने जाएँगे, जब तक कोई भक्त मेरे बाद तुम्हारे दर्शन नहीं करेगा।" यह मंदिर, वैष्णोदेवी मंदिर के समीप अवस्थित है।


भैरों नाथ मंदिर 

मंदिर से दिखते सुन्दर पहाड़ 

भैरो मंदिर परिसर 

मंदिर का एक और चित्र 

मंदिर की छत पर बैठे लंगूर महाशय 

भैरो मंदिर 

हिमांशु मंदिर में 

मंदिर के सामने हिमांशु 

एक फोटो तो मेरा भी बनता है 

वाह क्या संतुलन है 

भैरो मंदिर से दिखता हेलिपैड 


मंद्दिर के ऊपर लगे मोबाइल टावर 

भैरो मंदिर से नीचे घाटी में दिखता एक सरकारी संस्थान 

भैरो बाबा के दर्शन करके हमलोग फिर से माता के भवन पर आ गए. माता को प्रणाम करके नीचे की और चल दिए.

मार्ग में सुन्दर सुहाना मौसम 

मार्ग में एक विश्राम गृह हिमकोटी 

ऊपर से दिखता  कटरा का दृश्य 

कटरा

चरण पादुका मंदिर 

थक गए भाई 

मार्ग में उतरते हुए माता का मंदिर 

पुलिस चेक पोस्ट और यात्रा पर्ची चेक पोस्ट के बाद तीर्थ यात्री एक छोटे पुल पर पहुंचता है जिसके नीचे से बाण गंगा बहती है। इस पवित्र नदी के साथ माता के चमत्कार की पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। इस नदी में वर्ष भर जल रहता है पानी तब कम रहता है जब मानसून के मौसम में वर्षा कम हुई हो या सर्दी के मौसम में बर्फ कम पड़ी हो। यह नदी पवित्र मानी जाती है और साधारण हिन्दु परंपरा अनुसार श्रद्धालु यात्रा पर आगे बढ़ने से पहले इस नदी में स्नान करना पसंद करते हैं। आज बदलते समय के साथ कई यात्री ऐसे परंपरागत स्नान से आंख चुरा कर आगे बढ़ जाते हैं। परंतु जिन यात्रियों के पास समय होता है और जिनका धार्मिक परंपराओं की ओर झुकाव होता है और जो पौराणिक कथा और परंपरा का पालन करने की इच्छा रखते हैं वे आगे बढ़ने से पूर्व यहां डुबकी लगा लेते हैं। इस लिए यहां कुछ घाट भी बनाए गए हैं । पहला घाट आमतौर पर भारी भीड़ से भरा रहता है। दूसरा घाट पहले की तुलना में खुला और अधिक जगह वाला है।

इस नदी का नाम दो शब्दों बाण और गंगा के मेल से बना हुआ है। बाण का अर्थ तीर और गंगा पवित्र नदी गंगा के लिए प्रयुक्त हुआ है। ऐसा विश्वास है कि जब माता वैष्णो देवी जी अपनी पवित्र गुफा की ओर जा रहीं थी तब उन्होंने अपने तरकश के बाण से इस जल झरने को पैदा कर दिया जिसके कारण इसका नाम बाण गंगा पड़ा। यह भी माना जाता है कि उन्होंने यहां डुबकी लगाई और अपने बाल धोए। इसलिए कई लोग इसे बाल गंगा भी कहते हैं।

बाण गंगा 

बरसात का मौसम होने के कारण बाण गंगा में पर्याप्त जल   प्रवाह था.  हमारा भी नहाने का मन हो रहा था. पर बस जल में पैर डूबा के रह गए, शीतल जल था. बाण गंगा के ये दो घाट हैं एक तो ये हैं जब ऊपर से  उतरकर आते हैं तो ये बाई ओर पड़ता हैं. एक आगे जाकर बाण गंगा मंदिर के पास दाई और हैं.

बाणगंगा स्नान घाट (ऊपर से आते हुए)

बाणगंगा स्नान घाट 




बानगंगा का बहाव झरने के रूप में 

अरे भाई क्या हुआ 



बाण  गंगा स्नान घाट ऊपर से (कटरा की और से आते हुए)



बाण गंगा की और जाने वाला कटरा का मुख्य मार्ग 

कटड़ा (Katra) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के रियासी ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले में तहसील का दर्जा रखता है। कटरा को कटरा वैश्णो देवी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ से वैष्णो देवी की यात्रा शुरु होती है। यह रियासी जिले का एक भाग है और जम्मू शहर से ४२ किलोमीटर की दूरी पर त्रिकुटा पर्वत की तलहटी में बसा हुआ है।

यह शहर लंबे समय से सड़कों और राज्य राजमार्गों से जुड़ा हुआ है, लेकिन हाल ही में इसे भारतीय रेलवे द्वारा भी जोड़ा गया है। जम्मू-बारामूला रेलमार्ग उत्तर रेलवे के कटरा रेलवे स्टेशन को शेष भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ता है। इसका उद्घाटन 4 जुलाई 2014 को भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।

वैष्णो देवी का निकटतम बड़ा शहर है जम्मू जोकि रेलमार्ग, सड़कमार्ग और वायुमार्ग द्वारा भारत के तमाम बड़े शहरों से जुड़ा है। जम्मू तक बस, टैक्सी, ट्रेन तथा हवाई जहाज के मदद से आया जा सकता है। जम्मू भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग 1ए पर स्थित है, तथा ब्राड गेज लाइन द्वारा भारत के रेलजाल से जुड़ा है।

वैष्णोदेवी का मंदिर या भवन, कटरा से १३.५ किमी की दूरी पर स्थित है, जो कि जम्मू जिले में जम्मू शहर से लगभग ५० किमी दूर स्थित एक कस्बा है। मंदिर तक जाने की यात्रा इसी कस्बे से शुरू होती है। कटरा से पर्वत पर चढ़ाई करने हेतु पदयात्रा के अलावा, मंदिर तक जाने के लिए पालकियाँ, खच्चर तथा विद्युत-चालित वाहन भी मौजूद होते हैं। इसके अलावा कटरा से साँझीछत, जोकि भवन से ९.५ किमी दूर अवस्थित है, तक जाने हेतु हेलीकॉप्टर सेवा भी मौजूद है। कटरा नगर, जम्मू से सड़कमार्ग द्वारा जुड़ा है। पूर्वतः रेलवे की मदद से केवल जम्मू तक पहुंच पाना संभव था, परन्तु वर्ष २०१४ में कटरा को जम्मू-बारामूला रेलमार्ग से श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन के ज़रिए जोड़ दिया गया, जिसके बाद सीधे कटरा तक रेलमार्ग द्वारा पहुँच पाना संभव है। गर्मियों में तीर्थयात्रियों की संख्या में अचानक वृद्धि के मद्देनज़र अक्सर रेलवे द्वारा प्रतिवर्ष दिल्ली से कटरा के लिए विशेष ट्रेनें भी चलाई जाती हैं।

ये क्यों लड़ रहे है 

धर्मशाला के बाहर चाय का आनंद 

धर्मशाला के बाहर चाय का आनंद 

चाय कैसी लगी 

कटरा का मुख्य चौक 

कटरा का बाज़ार 

आज थक बहुत चुके थे. कटरा में घूमकर व खाना    खाके अपने होटल में आकर सो गए. कल पत्निटोप जाना था.

सुबह जल्दी उठ गए. तैयार हुए, अभी गाड़ी आने  देर थी. ३०००/- में गाड़ी तय हुई थी, जो कि शाम को जम्मू   छोड़ती. अभी समय था, प्रातःकाल का आनंद लेने के लिए निकल पड़े कटरा की सडको पर.

प्रातः में कटरा में एक दृश्य 

सुन्दर पहाड़ी 

प्रातः में दूर से दिखता माँ अर्ध्कुमारी मंदिर 

धर्मशाला में माता का मंदिर 

कटरा की एक सुबह 

मार्ग के बारे में बताता एक बोर्ड 

चौराहे पर एक फोटो 

हिमांशु बाबु क्या हाल हैं 

वैष्णो देवी का निकटतम बड़ा शहर है जम्मू जोकि रेलमार्ग, सड़कमार्ग और वायुमार्ग द्वारा भारत के तमाम बड़े शहरों से जुड़ा है। जम्मू तक बस, टैक्सी, ट्रेन तथा हवाई जहाज के मदद से आया जा सकता है। जम्मू भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग 1ए पर स्थित है, तथा ब्राड गेज लाइन द्वारा भारत के रेलजाल से जुड़ा है।

वैष्णोदेवी का मंदिर या भवन, कटरा से १३.५ किमी की दूरी पर स्थित है, जो कि जम्मू जिले में जम्मू शहर से लगभग ५० किमी दूर स्थित एक कस्बा है। मंदिर तक जाने की यात्रा इसी कस्बे से शुरू होती है। कटरा से पर्वत पर चढ़ाई करने हेतु पदयात्रा के अलावा, मंदिर तक जाने के लिए पालकियाँ, खच्चर तथा विद्युत-चालित वाहन भी मौजूद होते हैं। इसके अलावा कटरा से साँझीछत, जोकि भवन से ९.५ किमी दूर अवस्थित है, तक जाने हेतु हेलीकॉप्टर सेवा भी मौजूद है। कटरा नगर, जम्मू से सड़कमार्ग द्वारा जुड़ा है। पूर्वतः रेलवे की मदद से केवल जम्मू तक पहुंच पाना संभव था, परन्तु वर्ष २०१४ में कटरा को जम्मू-बारामूला रेलमार्ग से श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन के ज़रिए जोड़ दिया गया, जिसके बाद सीधे कटरा तक रेलमार्ग द्वारा पहुँच पाना संभव है। गर्मियों में तीर्थयात्रियों की संख्या में अचानक वृद्धि के मद्देनज़र अक्सर रेलवे द्वारा प्रतिवर्ष दिल्ली से कटरा के लिए विशेष ट्रेनें भी चलाई जाती हैं।

ठीक आठ बजे हमारी गाड़ी आ गयी और हम लोग पत्नीतोप की और निकल पड़े.

इससे आगे का यात्रा वृत्तान्त पढने के लिए क्लिक करे..(MATA VAISHNODEVI & PATNITOP - 3)

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