Monday, May 17, 2021

MATA VAISHNODEVI & PATNITOP - 3

 MATA VAISHNODEVI & PATNITOP - 3

इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिए क्लिक करे...(MATA VAISHNODEVI & PATNITOP TRAVELL - 1)

इससे पहले का यात्रा वृत्तान्त पढने के लिए क्लिक करे...(MATA VAISHNODEVI & PATNITOP TRAVELL - 2)

कटरा से पटनीटॉप का रास्ता बहुत ही सुहावना व तवी  नदी के साथ साथ हैं. पटनीटॉप पहुँचने से पहले करलाह गांव में नाग देवता का मंदिर हैं. सबसे पहले इस मंदिर में दर्शन करने का निर्णय किया.  मंदिर के बाहर मुख्य मार्ग पर छोटा सा बाजार हैं. जिसमे खाने पीने की दुकाने व गिफ्ट शॉप हैं.  मंदिर की और अंदर जाने वाले मार्ग पर भी गिफ्ट शॉप आदि हैं. आसपास के  क्षेत्र में इस मंदिर की बहुत मान्यता हैं. आसपास के लोग मनौती पूरी होने पर यंहा पहुंचकर भंडारे करते हैं. हमने भी भंडारे के हलवा प्रसाद का आनंद लिया। मंदिर के पीछे की और दूर दूर तक सुरम्य घाटी व पर्वतो के दर्शन होते हैं. 

हमें पटनीटॉप की सैर कराने  वाली टवेरा गाड़ी 

पटनीटॉप को जाने वाला मार्ग 

सुन्दर राजमार्ग 

पटनीटॉप से लगभग आधा किलोमीटर नीचे की ओर गांव करलाह है। इस गांव में शोभनीय है प्रसिद्ध मंदिर बाबा गवाह करलाह। एक छोटी-सी पहाड़ी उतर कर खड्ड के समीप है यह मंदिर। इस मंदिर के आसपास घनी आबादी वाले घर हैं। पहाड़ी से मंदिर तक का रास्ता सीढ़ियों वाला है तथा इन सीढ़ियों के आसपास बाज़ार हैं। पहाड़ी से मंदिर तक पैदल ही जाना पड़ता है। नाग देवता का नाम है बाबा गबाह। इस मंदिर में नाग देवता की पूजा होती है। इस मंदिर के प्रवेश द्वार के इर्द-गिर्द बड़े घने वृक्ष अपनी सुंदरता को फैलाए हुए मंदिर की शोभा को चार चांद लगाते हैं। मंदिर एक छोटे-से कमरे में बना है जिसको नीचे से ऊपर तक मंदिर का स्वरूप दिया हुआ है। मंदिर के ऊपर केवल गुंबद है। श्रद्धालु यहां लाल रंग की चुनरिया तथा झंडे चढ़ाते हैं। यह गोलाकार मंदिर हरे तथा लाल रंग से सजाया हुआ है। हरियाली तथा शक्ति का प्रतीक है यह मंदिर। मंदिर के पीछे की ओर खुला बरामदा तथा कुछ कमरे हैं। जो पर्यटक पटनीटॉप आते हैं, वे अवश्य यहां भी आते हैं। इस मंदिर के दर्शन करके शांति तथा प्रसन्नता हासिल होती है। इस मंदिर में प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर के इर्द-गिर्द का मौसम गर्मी में भी ठंडा तथा बादलों से घिरा होता है। आप बादलों के बीच रहने का नज़ारा ले सकते हैं। मंदिर से सड़क तक सीढ़ियां चढ़कर जब आप सड़क पर आते हैं, जहां गाड़ियां खड़ी की जाती हैं, वहां गर्मा गर्म पकौड़े, ब्रैड, चाय आदि का लुत्फ उठाया जा सकता है। थोड़ी थकावट, कुछ मनोरंजन, बाबा गबाह का आशीर्वाद, सौंदर्य से भरपूर दिलकश मौसम, सब मिलकर प्रसन्नता और मज़ा देते हैं। लगभग 800 वर्ष पुराने इस मंदिर में हिन्दू मर्यादा के सभी दिन त्यौहार मनाने के अतिरिक्त नाग देवता का पर्व भी धूमधाम एवं श्रद्धा से मनाया जाता है।

करलाह गाँव में नाग देवता मंदिर को जाने वाला मार्ग 

नागदेवता मंदिर से दिखता  दृश्य 

एक और दृश्य 

नीलम और हिमांशु 

हम  दोनों 

नाग देवता मंदिर - करलाह 

नाग देवता मंदिर 

सुन्दर दृश्य 

मेरा फोटो 

नागदेवता मंदिरके बाहर का मार्ग 

करलाह गाँव - नाग मंदिर 

सुन्दर दृश्य 

एक और दृश्य 

एक और दृश्य 

एक और दृश्य 

पत्नीटॉप भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के उधमपुर ज़िले में एक पर्यटक स्थल है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग ४४ पर जम्मू से श्रीनगर जाते हुए उधमपुर और कुद के बाद आता है। यह जम्मू से लगभग 112 किमी दूर है और एक पठार पर 2,024 मीटर (6,640 फ़ुट) की ऊँचाई पर चेनाब नदी के समीप स्थित है। शीत ऋतु में यहाँ भारी हिमपात होता है।

हर वर्ष बर्फ़बारी के कारण यहाँ सर्दियों में यातायात रुक जाता है और कभी-कभी मीलों लम्बी क़तार लगने से ट्रक व अन्य वाहन दिनों तक रुके रहते हैं। मार्च 2017 में यहाँ भारत की सबसे लम्बी सुरंग का उदघाटन हुआ। 9.2 किमी (6 मील) लम्बी चेनानी-नाशरी सुरंग (जो पत्नीटॉप सुरंग भी कहलाती है) पत्नीटॉप से 2 किमी दक्षिण में चेनानी बस्ती से शुरु होती है और पत्नीटॉप से उत्तर में नाशरी गाँव तक जाती है। इस से जम्मू-श्रीनगर का फ़ासला 31 किमी घट गया है और ट्राफ़िक जाम भी कम होंगे।

पटनीटॉप या पटनी टॉप, जम्मू और कश्मीर के उधमपुर जिले में स्थित एक सुंदर हिल रिसॉर्ट है। इस स्थान को वास्तविक रूप से ‘पाटन दा तालाब’ नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ है ‘राजकुमारी का तालाब’। एक कहावत के अनुसार राजकुमारी नहाने के लिए प्रतिदिन इस तालाब का उपयोग करती थीं। हालांकि कुछ सालों बाद इसका नाम ‘पाटन का तालाब’ से बदलकर पटनीटॉप हो गया। यह रिसॉर्ट समुद्र सतह से 2024 मीटर की ऊँचाई पर एक पठार पर स्थित है। आखिर है क्या पटनीटॉप ? देवदार के घने जंगल, घुमावदार पहाडियाँ, लुभावने दृश्य और शांत वातावरण पटनीटॉप को पिकनिक के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं। इस क्षेत्र में तीन मीठे पानी के झरने हैं जो ठंडे पानी के मूल स्त्रोत हैं। इन झरनों के पानी में औषधीय गुण हैं और यदि आपके पास समय हो तो आप इन्हें देखने जा सकते हैं। ठंड के मौसम के दौरान विभिन्न बाहरी गतिविधियों जैसे स्कीइंग और ट्रेकिंग में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पटनीटॉप आते हैं। पटनीटॉप अन्य गतिविधियों जैसे गोल्फ, पैराग्लाइडिंग, एरो स्पोर्ट्स, घुड़सवारी और फोटोग्राफी के लिए भी उपयुक्त है। पटनीटॉप में पर्यटक आकर्षण लोकप्रिय पर्यटन स्थानों के अंतर्गत नाग (कोबरा) मंदिर, बुद्ध अमरनाथ मंदिर, बाहु किला, कुद और शिव गढ़ आते हैं। यद्यपि पटनीटॉप में हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन नही है, फिर भी पर्यटक जम्मू से यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं। जम्मू रेलवे स्टेशन या जम्मू हवाई अड्डे पर पहुँचने के बाद पर्यटक राज्य परिवहन की बस या किराये की टैक्सी ले सकते हैं। यह संपूर्ण साल के गंतव्य के रूप में जाना जाता है हालांकि यहाँ की सैर के लिए उपयुक्त समय मई से जून के बीच तथा सितंबर से अक्टूबर के बीच का है। दिसंबर से फरवरी के बीच का समय साहसिक खेलों जैसे स्कीइंग और ट्रेकिंग के लिए उपयुक्त है।(विकिपीडिया)

सुन्दर घास का मैदान - पटनीटॉप 

सुंदर रास्ते सुन्दर मंज़िल 

देवदार की खूबसूरती 

देवदार के  जंगल व धुंध 

ज़िप लाइन पर मस्ती 

छोटा सा  खरगोश का बच्चा 

ज़िप लाइन स्टेशन 

पटनीटॉप में एक ज़िप लाइन स्टेशन बना हुआ हैं. जिस पर करीब ५०० मीटर लम्बा ज़िप लाइन बना हुआ हैं इस पर बहुत से टूरिस्ट आनंद लेते हैं. ३०० रुपये का चार्ज लगता हैं. 

ज़िप लाइन पर झूलते हुए 

सुन्दर बुग्याल 

ज़िप लाइन पर झूलने के लिए लगी लाइन 

देवदार का जंगल 

देवदार का जंगल 

क्या मौसम हैं 


सुन्दर बच्चे ज़िप लाइन के लिए तैयार होते हुए 

क्या सोच रहा हूँ 


गंभीर क्यों हैं 

ये वादियां ये फ़िज़ाए 

सेव का पेड़ 

सेव का बाग़ 

सेव के बाग़ से दूर बसे  हुए घर 





पटनीटॉप में ऊंचाइयों पर 



पटनीटॉप में मौसम बहुत ही सुहावना था.  धुंध छाई हुई थी. थोड़ी देर इधर उधर टहलते रहे. मौसम का आनंद लेते रहे. इतने में घोड़े वाले पीछे पड़ गए. १००० रूपये से रेट शुरू हुआ. १०० रूपये पर जाकर फाइनल हुआ. हम तीनो ने एक एक घोडा १०० रूपये प्रति घोड़ा तय किया। और घोड़े पर पटनीटॉप की सैर के लिए चल दिए. घोड़े से ऊँचे पहाड़ो पर ले जाते हैं, जंहा से कश्मीर घाटी, व दूर के गांव दिखते  हैं. बहुत सारे सेव के बाग भी हैं. उनमे सेव का स्वाद  लिया, व ३० रूपये किलो सेव खरीदा. घोड़े वाले एक घंटा तक देवदार के जंगलो, सेव के बागो में घुमाते है. अति सुन्दर दृश्य दिखते  हैं. 

अब घोड़े की सवारी 






ये कौन घुड़सवार हैं 



सुन्दर मार्ग, हरियाली, देवदार, धुंध, ज़िप लाइन, रिसोर्ट, क्या नहीं हैं पटनीटॉप में 


गेस्ट  हाउस 


भाई किसे फ़ोन  लगा रा.... 

पटनीटॉप का विहंगम दृश्य 


पटनीटॉप में अलग अलग कई बुग्याल हैं. इसमें से ये प्रमुख हैं. यंहा पर रुकने के लिए बहुत सारे रिसोर्ट और होटल भी हैं.  चाहे तो रात को यंहा पर रुक सकते हैं. सरकारी गेस्ट हाउस भी हैं. जिन्हे हट  बोलते हैं. ये लकड़ी के बने हुए लक्सरी हट  हैं. अगले यात्रा वृत्तान्त में मैंने पटनीटॉप के इस मैदान और एक दूसरे रिसोर्ट के बारे में बताया है. 

इससे आगे का यात्रा वृत्तांत पढ़ने के लिए क्लिक करे....(MATA VAISHNODEVI & PATNITOP - 4)

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