MYSURU TRAVELL - 11 - MYSURU PALACE IN EVENING
आज मैसूर में मेरा आखिरी दिन था. शाम हो चुकी थी आसमान में बादल छाये थे. बिजली कड़क रही थी. मौसम बहुत अच्छा हो चुका था. सोचा एक बार फिर से महल की और घूम लू. शाम के समय में बादलो के बीच फोटोग्राफी का अलग ही आनंद आता हैं. पहले बस अड्डे के पास स्थित सरकारी जूस स्टाल पर अंगूरों का जूस पिया. मात्र २० रूपये का गिलास मिलता हैं. फिर महल पर आ गया. फिर से वही फोटो ज्यादा बाते कम...
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सिटी पैलेस - मैसूर पैलेस - MYSURU |
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महल के बाहर मंदिर |
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शाम का धुंधलका और महल का गेट |
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महल के दोनों द्वारों का फोटो बाहर से |
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मेरा रेस्टोरेंट जंहा नित्य मेरा खाना व नाश्ता हुआ |
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मैसूर में सडको के बीच में इस तरह के डीवाईडर हैं |
कल मुझे सुबह ही बेंगलुरु के लिए निकलना था. मन उदास था. इतने प्यारे इतने सुन्दर नगर को छोड़कर जाने का मन नहीं था. पर इससे क्या होना था. जाना तो था ही. सुबह उठकर आठ बजे ISBT पहुंचकर बेंगलुरु की बस में सवार हो गया. मेरी ट्रेन रात आठ बजे दिल्ली के लिए थी राजधानी एक्सप्रेस में बुकिंग थी. सोचा था की जल्दी बेंगलुरु पहुंचकर एक दो स्थान घूम लूँगा. जैसे की इसकोन टेम्पल आदि. एक बजे के करीब में बेंगलुरु पहुँच गया. मैसूर रोड बस स्टैंड पर उतरने के बाद मैंने इस्कॉन के लिए मेट्रो पकड़ी. पर मंदिर पर पहुँच कर पता चला की शाम पांच बजे खुलेगा. मैं दुखी मन से वापिस रेलवे स्टेशन आ गया. बेंगलुरु का घूमना फिर कभी सही. धन्यवाद आप सभी का बहुत बहुत.....नमस्कार....
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