Sunday, August 16, 2020

MYSURU TRAVELL - 2 - MYSURU PALACE IN NIGHT

MYSURU TRAVELL - 2 - MYSURU PALACE IN NIGHT

इस वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिए क्लिक करे...(MYSURU TRAVELL - 1 - DELHI TO MYSURU & INFOSYS CAMPUS)

इनफ़ोसिस से बस पकड़ कर मैं  मैसूर के लोकल बस स्टैंड पर उतरा. यंहा से मुझे धन्वन्तरी रोड पर जाना था. जिस पर बहुत से गेस्ट हाउस व होटल बने हुए थे. यंहा के बारे में मुझे विद्युत् प्रकाश मौर्य जी ने बताया था. मैं देवराजा  मार्केट से पैदल चलता हुआ थोड़ी देर में धन्वन्तरी रोड पर पहुँच गया. थोड़ी दूर चलने के बाद मुझे अग्रवाल लॉज नज़र आया. मैंने सोचा रुकने के लिए सबसे पहले इसमें ही प्रयास कर लिया जाए. अन्दर रिशेप्शन पर एक सज्जन बैठे नज़र आये. मैंने रूम के लिए पूछा. एक सिंगल बेड रूम मात्र ४०० रूपये में फाइनल कर लिया. जब मैंने अपनी ID दी तो पूछने लगे मुज़फ्फरनगर से आये हो, बहुत खुश हुए, बोले अरे वंहा तो हमारी रिश्तेदारी हैं. बन्दे अलीगढ के रहने वाले हैं और कई पीढियो से मैसूर में रह रहे हैं. वैश्य समुदाय जिनमे मारवाड़ी और अग्रवाल्स हैं, लाखो की संख्या में मैसूर में रहते हैं. खैर उनका व्यवहार बहुत  ही अच्छा था. रूम भी साफ़ सुथरा व अच्छा था. उन्होंने बताया की आज सन्डे हैं. छुट्टी के दिन मैसूर पैलेस में सात बजे से आठ बजे तक रौशनी की जाती  हैं, व एंट्री फ्री रहती हैं. मैं जल्दी से तैयार होकर व कैमरा लेकर लॉज से बाहर आ गया. व पैदल ही महल की और चल पड़ा. महल करीब एक किलोमीटर था. ठीक सात बजे मैं महल के सामने था. महल को  और महल की सजावट को देखकर मैं आश्चर्य चकित रह गया. आँखे फटी रह गयी. 


AGRAWAL LODGE - MYSURU

अब कुछ महल के बारे में..(FROM WIKIPEDIA)महाराजा पैलेस, राजमहल मैसूर के कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ का है। यह पैलेस बाद में बनवाया गया। इससे पहले का राजमहल चन्दन की लकड़ियों से बना था। एक दुर्घटना में इस राजमहल की बहुत क्षति हुई जिसके बाद यह दूसरा महल बनवाया गया। पुराने महल को बाद में ठीक किया गया जहाँ अब संग्रहालय है। दूसरा महल पहले से ज्यादा बड़ा और अच्छा है।



मैसूर पैलेस दविड़, पूर्वी और रोमन स्थापत्य कला का अद्भुत संगम है। नफासत से घिसे सलेटी पत्थरों से बना यह महल गुलाबी रंग के पत्थरों के गुंबदों से सजा है।

महल में एक बड़ा सा दुर्ग है जिसके गुंबद सोने के पत्तरों से सजे हैं। ये सूरज की रोशनी में खूब जगमगाते हैं। अब हम मैसूर पैलेस के गोम्बे थोट्टी - गुड़िया घर - से गुजरते हैं। यहां 19वीं और आरंभिक 20वीं सदी की गुड़ियों का संग्रह है। इसमें 84 किलो सोने से सजा लकड़ी का हौद भी है जिसे हाथियों पर राजा के बैठने के लिए लगाया जाता था। इसे एक तरह से घोड़े की पीठ पर रखी जाने वाली काठी भी माना जा सकता है।

स्थापत्य

गोम्बे थोट्टी के सामने सात तोपें रखी हुई हैं। इन्हें हर साल दशहरा के आरंभ और समापन के मौके पर दागा जाता है। महल के मध्य में पहुंचने के लिए गजद्वार से होकर गुजरना पड़ता है। वहां कल्याण मंडप अर्थात् विवाह मंडप है। उसकी छत रंगीन शीशे की बनी है और फर्श पर चमकदार पत्थर के टुकड़े लगे हैं। कहा जाता है कि फर्श पर लगे पत्थरों को इंग्लैंड से मंगाया गया था।

दूसरे महलों की तरह यहां भी राजाओं के लिए दीवान-ए-खास और आम लोगों के लिए दीवान-ए-आम है। यहां बहुत से कक्ष हैं जिनमें चित्र और राजसी हथियार रखे गए हैं। राजसी पोशाकें, आभूषण, तुन (महोगनी) की लकड़ी की बारीक नक्काशी वाले बड़े-बड़े दरवाजे और छतों में लगे झाड़-फानूस महल की शोभा में चार चांद लगाते हैं। दशहरा में 200 किलो शुद्ध सोने के बने राजसिंहासन की प्रदर्शनी लगती है। कुछ लोगों का मानना है कि यह पांडवों के जमाने का है। महल की दीवारों पर दशहरा के अवसर पर निकलने वाली झांकियों का सजीव चित्रण किया गया है।

महल में स्थित मंदिर

प्रवेशद्वार से भीतर जाते ही मिट्टी के रास्ते पर दाहिनी ओर एक काउंटर है जहाँ कैमरा और सेलफोन जमा करना होता है। काउंटर के पास है सोने के कलश से सजा मन्दिर है। दूसरे छोर पर भी ऐसा ही एक मन्दिर है जो दूर धुँधला सा नज़र आता है। दोनों छोरों पर मन्दिर हैं, जो मिट्टी के रास्ते पर है और विपरीत दिशा में है महल का मुख्य भवन तथा बीच में है उद्यान।

अंदर एक विशाल कक्ष है, जिसके किनारों के गलियारों में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर स्तम्भ है। इन स्तम्भों और छत पर बारीक सुनहरी नक्काशी है। दीवारों पर क्रम से चित्र लगे है। हर चित्र पर विवरण लिखा है। कृष्णराजा वाडियार परिवार के चित्र। राजा चतुर्थ के यज्ञोपवीत संस्कार के चित्र। विभिन्न अवसरों पर लिए गए चित्र। राजतिलक के चित्र। सेना के चित्र। राजा द्वारा जनता की फ़रियाद सुनते चित्र। एक चित्र पर हमने देखा प्रसिद्ध चित्रकार राजा रवि वर्मा का नाम लिखा था। लगभग सभी चित्र रवि वर्मा ने ही तैयार किए।

कक्ष के बीचों-बीच छत नहीं है और ऊपर तक गुंबद है जो रंग-बिरंगे काँचों से बना है। इन रंग-बिरंगे काँचों का चुनाव सूरज और चाँद की रोशनी को महल में ठीक से पहुँचाने के लिए किया गया था। निचले विशाल कक्ष देखने से पहले तल तक सीढियाँ इतनी चौड़ी कि एक साथ बहुत से लोग चढ सकें। पहला तल पूजा का स्थान लगा। यहाँ सभी देवी-देवताओं के चित्र लगे थे। साथ ही महाराजा और महारानी द्वारा यज्ञ और पूजा किए जाने के चित्र लगे थे। बीच का गुंबद यहाँ तक है।

दूसरे तल पर दरबार हाँल है। बीच के बड़े से भाग को चारों ओर से कई सुनहरे स्तम्भ घेरे हैं इस घेरे से बाहर बाएँ और दाएँ गोलाकार स्थान है। शायद एक ओर महारानी और दरबार की अन्य महिलाएँ बैठा करतीं थी और दूसरी ओर से शायद जनता की फ़रियाद सुनी जाती थी क्योंकि यहाँ से बाहरी मैदान नज़र आ रहा था और बाहर जाने के लिए दोनों ओर से सीढियाँ भी है जहाँ अब बाड़ लगा दी गई है। इसी तल पर पिछले भाग में एक छोटे से कक्ष में सोने के तीन सिंहासन है - महाराजा, महारानी और युवराज केलिए।

सजावट

हफ्ते के अंतिम दिनों में, छुट्टियों में और खास तौर पर दशहरा में महल को रोशनी से इस तरह सजाया जाता है, आंखें भले ही चौंधिया जाएं लेकिन नजरें उनसे हटना नहीं चाहतीं। बिजली के 97,000 बल्ब महल को ऐसे जगमगा देते हैं जैसे अंधेरी रात में तारे आसमान को सजा देते हैं।(साभार: विकिपीडिया)

महल के सामने से ही पार्किंग में से महल का सुन्दर नजारा दिखने लगा था. दोनों गेट और बीच में मंदिर बहुत ही खुबसूरत नज़ारा था.


महल के मुख्य द्वार व बीच में मंदिर - MYSURU PALACE IN NIGHT



ENTRANCE GATE MYSURU PALACE 

HANUMAN JI MANDIR - MYSURU PALACE 
महल में सबसे पहले बाहर मुख्य द्वारों के बीच में बने हनुमान मंदिर में माथा टेका. छोटा सा बहुत ही सुन्दर मंदिर बना हुआ हैं. इस मंदिर का नाम श्री कोटे आंजनेय स्वामी मंदिर है.

HANUMAN JI MANDIR 

MAIN GATE MYSURU PALACE 
हनमान जी को  बाहर  से नमन करने के बाद मैं महल के मुख्य द्वार से अन्दर घुस गया. अन्दर घुसने के बाद लगा जैसे मैं किसी दुसरे लोक मैं आ गया हूँ. महल को देखने वालो की भीड़ थी. हर कोई अपने आप में खोया हुआ था. महल को देखकर हर कोई आश्चर्य चकित था. मैंने भी फटाफट फोटोग्राफी शुरू करदी. फोटो लेते लेते थक जाओगे, लेकिन मन नहीं भरता हैं.

BEAUTIFUL MYSURU PALACE 

MAIN GATE FROM INSIDE - MYSURU PALACE 

MYSURU PALACE


TEMPLE IN MYSURU PALACE 


महल के अन्दर भी कई खुबसूरत मंदिर हैं. उन मंदिरों के फोटो मैंने बाहर से लिए. जूते  बाहर उतारने पड़ रहे थे. उनकी सुरक्षा कैसे करता. इसलिए अन्दर नहीं गया. 

ANOTHER VIEW OF TEMPLE - MYSURU PALACE 



मैसूर पैलेस में मैं. 

एक और चित्र - MYSURU PALACE - MYSURU 

मैसूर पैलेस का एक और दृश्य 
मैसूर पैलेस - MYSURU PALACE 

महल के ग्राउंड में शेर की मूर्ति 



मैसूर पैलेस सामने से 

एक और सुन्दर फोटो 
मैसूर पैलेस में दर्शको की भीड़ 
पैलेस के बाहर बैंड बजाते हुए बैंड वादक 
मैसूर पैलेस में छुट्टी के दिन रौशनी होती हैं. महल के बाहर एक बैंड ग्रुप बैंड भी बजाता है. सैकड़ो लोग बैंड का आनंद ले रहे थे.




महल का गेट व सुन्दर संरचनाये 


सुन्दर महल 

महल का बुर्ज 

महल के अन्दर एक और मंदिर 



मंदिर का गेट 

महल के अन्दर एक और मंदिर हैं इस मंदिर का नाम हैं, श्री भुवनेश्वरा मंदिर 

महल का गेट अन्दर से 

मंदिर और महल एक साथ 

महल से बाहर आकर श्री हनुमान जी के फिर से दर्शन किये.


श्री हनुमान मंदिर 
हनुमान जी का मंदिर अन्दर से 

जय श्री हनुमान जी - MYSURU PALACE 

गेट के बाहर ही गणेश जी का मंदिर स्थित हैं. यंहा पर भी दर्शनों का लाभ लिया.

महल के बाहर श्री गणेश जी का मंदिर - MYSURU PALACE 
जय श्री गणेश 
महल के क्षेत्र से मैं बाहर आ गया. सामने ही एक मॉल नज़र आ रहा था. उसका भी एक फोटो लिया.

महल के सामने स्थित मॉल 

लॉज में वापिस आता हुआ  लोकल अड्डे के सामने से गुजरा,  यह महल के बराबर में स्थित हैं. यंहा से मैसूर लोकल के लिए बस पकड़ सकते हैं. मैसूर से बाहर पुरे कर्नाटक में जाने के लिए ISBT बना हुआ हैं. जो की रेलवे स्टेशन के पास हैं.


मैसूर का लोकल बस अड्डा 
महल के सामने चौराहे पर वाडियार राजा की मूर्ति 

दरबार मार्किट में घंटाघर - MYSURU 
थोड़ी दूर चलने के बाद देवराजा  मार्किट आ जाता हैं. यह  बाज़ार राजाओ के समय से बना हुआ हैं. एक पार्क बना हुआ हैं. जिसमे बीच में घंटाघर हैं. बैठने के लिए सीट बनी हुई हैं. मेरा शाम का काफी समय इसी पार्क में गुजरा.


अब भूख लगने लगी थी अपने लॉज के पास स्थित SOUTHINDIES रेस्टोरेंट  में मैंने रोज दक्षिण भारतीय खाने व फ़िल्टर कोफ़ी का आनंद लिया. सेल्फ सर्विस थी. बहुत ही अच्छा रेस्टोरेंट हैं. रेट भी बहुत ठीक हैं. यंहा पर मैसूर डोसा व फ़िल्टर काफी का आनंद लेकर मैं अपने कमरे में आ गया. पूरा दिन घूमते घूमते हो चुका था. लेटते ही नींद आ गयी. 


SOUTH INDIES REST. - MYSURU 
SOUTHINDIES - MYSURU 

यंहा से आगे का वृत्तान्त जानने के लिए क्लिक करे(MYSURU TRAVELL - 3 -JAGAN MOHAN PALACE

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