MYSURU TRAVELL - 5 - CHAMUNDI HILLS
MYSURU TRAVELL - 4 - CHAMARAJENDRAN ZOO
कावेरी एम्पोरियम से निकल कर हम लोग चिड़ियाघर की और चल पड़े. इस चिड़िया घर को चामराजेंद्रन चिडिया घर भी कहा जाता हैं.
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चिड़िया घर का मुख्यद्वार |
मैसूर का चिड़ियाघर : कर्नाटक के मैसूर में विश्व के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक चिड़ियाघर है जिसकी स्थापना 1892 में शाही संरक्षण में हुई थी। इस चिड़ियाघर में 40 से भी ज्यादा देशों से लाए गए जानवरों को रखा गया है। यहां हाथी, सफेद मोर, दरियाई घोड़े, गैंडे और गोरिल्ला के अलावा देश-विदेश की कई प्रजातियां हैं। इसके अलावा यहां भारतीय और विदेशी पेड़ों की करीब 85 से अधिक प्रजातियां रखी गई हैं। इस चिड़ियाघर में करंजी झील है, जहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। यह सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक खुला रहता हैं.
250 एकड़ में फैला मैसूर चिड़ियाघर भारत के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। इसे श्री चमाराजेन्द्रा जूलॉजिकल गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। यहां विभिन्न प्रजातियों के जानवर पाए जाते हैं जिन्हें देखने हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। मैसूर चिड़ियाघर की एक खास बात यह भी है कि यहां जानवरों के पिंजरे बहुत बड़े हैं जहां वे आजादी के साथ घूम-फिर सकते हैं। मैसूर चिड़ियाघर में शेर, चीते, सफ़ेद हाथी, मोर, दरियाई घोड़े, चिम्पैंजी, जिराफ, ज़ेब्रा, सफ़ेद हिरन और गैंडे आदि जानवर देखे जा सकते हैं। इस चिड़ियाघर में पांच बड़े ऐनाकोंडा भी हैं। यह भारत का एकमात्र चिड़ियाघर है जहां सफेद, काले और भूरे रंग के गैंडे देखने को मिलते हैं। चिड़ियाघर में एक झील है जिसका नाम "करंजी झील है। इस झील में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। इसके अतिरिक्त यहां एक जूलॉजिकल गार्डन भी है जहां भारतीय और विदेशी पेड़ों की करीब 85 प्रजातियां रखी गई हैं। मैसूर चिड़ियाघर में लगभग 40 से भी ज्यादा देशों से लाए गए जानवरों को रखा गया है। यह एकमात्र ऐसा चिड़ियाघर था जहां एक गोरिल्ला भी था लेकिन साल 2014 में इस गोरिल्ला की मृत्यु हो गई। मैसूर चिड़ियाघर करीब सौ साल से भी पुराना है। इसका निर्माण 1892 में मैसूर के तत्कालीन राजा चमाराजेन्द्र वाडियार (Sri Chamarajendra Wadiyar) ने कराया था। इस चिड़ियाघर में पहले केवल शाही परिवार के लोग ही घूम सकते थे लेकिन वर्ष 1920 में इसे आम जनता के लिए भी खोल दिया गया। आजादी के बाद महाराजा ने इसे भारत सरकार को सौंप दिया।
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